पुलिस कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर
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थाना फेस-2 पुलिस द्वारा हरियाणा पुलिस की मदद से 10 वर्ष पहले वर्ष 2015 में थाना फेस-2 क्षेत्रांतर्गत गेझा मन्दिर के पास से लापता /अपह्रत बच्चा सकुशल बरामद।
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दिनांक 06 नवम्बर 2015 को लगभग 07 वर्षीय एक बालक ग्राम गेझा, थाना फेस-2 क्षेत्र से खेलते समय लापता हो गया था। बालक की गुमशुदगी की सूचना दिनांक 08 नवम्बर 2015 को दी गई, जिस पर थाना फेस-2 पर मु0अ0सं0 723/2015, धारा 363 भादवि में अभियोग पंजीकृत किया गया। लगातार कई वर्षों तक प्रयास के बावजूद कोई सुराग न मिलने पर 20 दिसम्बर 2022 को विवेचना के आधार पर अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी।

डीसीपी सेंट्रल नोएडा द्वारा बालक को सकुशल बरामद करने वाली टीम को 25000 रुपये के इनाम से पुरस्कृत किया गया है।
1- दिनांक 28 मई 2025 को थाना सूरजकुंड, फरीदाबाद (हरियाणा) में एक बालक के अपहरण की एफआईआर दर्ज हुई।
2- 02 जून 2025 को सूरजकुंड पुलिस द्वारा अभियुक्त मंगल कुमार के कब्जे से अपहृत बालक को सकुशल बरामद कर लिया गया।
3- पूछताछ में मंगल कुमार ने यह जानकारी दी कि उसके पास एक और बच्चा वर्षों से है, जिसे नोएडा से लाया गया था, परंतु उसका नाम अब बदल चुका है।
4- सूरजकुंड पुलिस द्वारा उक्त जानकारी थाना फेस-2 पुलिस को दी गई, लेकिन बच्चे के बदले नाम के कारण पूर्व की किसी भी गुमशुदगी या अपहरण से उसका मिलान नहीं हो पाया।
5- थाना फेस-2 पुलिस ने तत्परता से बच्चे को अपने थाने बुलाया और समझा-बुझाकर पूछताछ की गई।
6- पूछताछ से स्पष्ट हुआ कि बालक का नाम बदला गया था, और मुकदमा किसी अन्य नाम से दर्ज है। बच्चे की वास्तविक पहचान जानने के लिए थाना फेस-2 पुलिस द्वारा 10 वर्षों के अपराध रजिस्टर, याददाश्त रजिस्टर व गुमशुदा रजिस्टर का अवलोकन किया गया।
7- अभिलेखों का लगातार 6 घंटे तक गहन अध्ययन किया गया। परिणामस्वरूप यह तथ्य उजागर हुआ कि यह वही बच्चा है जिसकी गुमशुदगी मु0अ0सं0-723/2015 में दर्ज थी।
8- बरामद बच्चे को अपने माता-पिता का नाम तो ज्ञात था परंतु पता इत्यादि की जानकारी नही थी, जिससे बालक के परिजनों से संपर्क किया जा सके।
9- थानें पर पंजीकृत FIR में दर्ज मोबाइल नंबर बच्चे के पिता के मित्र का था, जो पहले नोएडा में रहते थे अब आगरा में रहते हैं।
10- उक्त व्यक्ति से संपर्क कर माता-पिता के मूल निवास की जानकारी प्राप्त कर उन्हें बच्चे मिलनें की सूचना दी गई।
11- अचानक 10 वर्षों बाद अपने बेटे के मिलने की सूचना से माता-पिता को विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने बच्चे की शारीरिक पहचान पूछी, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके बेटे की दाहिने हाथ की एक ऊँगली कटी हुई है और बायीं आँख के नीचे चोट का निशान है।
12- उक्त निशानों की पुष्टि होने पर परिजनों को विश्वास हुआ और उन्होंने बड़े बेटे, चाची और जीजा को थाना फेस-2 भेजा। परिजनों ने बच्चे को देखते ही पहचान लिया और भावुक होकर गले से लिपट गए।
13- बरामद बालक ने भी इतने वर्षों बाद तुरंत अपने बड़े भाई को पहचान लिया।
14- माता-पिता, जो अब मैनपुरी में निवास कर रहे हैं, को तत्काल सूचना देकर नोएडा बुलाया गया है।
15- बालक को CWC (बाल कल्याण समिति) के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
16- तत्पश्चात, बच्चे का बीएनएसएस की धारा 183 (पूर्ववर्ती धारा 164 सीआरपीसी) के अंतर्गत माननीय न्यायालय के समक्ष बयान दर्ज कराया जाएगा।
17- माननीय न्यायालय से विधिसम्मत अनुमति प्राप्त कर बालक एवं उसके पिता का डीएनए मिलान नियमानुसार कराया जाएगा।
18- थाना फेस-2 पुलिस द्वारा खोए हुए बच्चे को 10 वर्षों बाद परिजनों से मिलवाने की इस सराहनीय कार्यवाही की जनता द्वारा भूरि-भूरि प्रशंसा की जा रही है।
यह सफलता थाना फेस-2 पुलिस की सतर्कता, मानवीय दृष्टिकोण, और अदम्य संकल्प का प्रतिफल है।
