नोएडा में सेक्टर-50 स्थित मेदांता सुपर-स्पेशलिटी हॉस्पिटल के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि इससे नोएडा, दिल्ली-एनसीआर और पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को एक बड़ी सुविधा मिलेगी। यह अस्पताल 550 बेड, आधुनिक मशीनों और विशेष चिकित्सा सुविधाओं के साथ शुरू किया गया है।

इस अवसर पर सांसद प्रत्याशी नरेश नौटियाल, ट्रस्टी – सनातन न्यास ने महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं।

श्री नौटियाल ने कहा—
“सरकार हर बार निजी अस्पतालों का उद्घाटन करने के लिए तो आती है, लेकिन जनता का मूल सवाल यह है कि सरकारी अस्पताल कब बनाए जाएंगे और कब ठीक किए जाएंगे? क्या मुख्यमंत्री जी सिर्फ मेदांता जैसे बड़े निजी अस्पतालों के उद्घाटन में आएंगे, या जनता को सस्ती और भरोसेमंद सरकारी स्वास्थ्य सेवा भी देंगे?”
उन्होंने आगे कहा कि नोएडा के सेक्टर 39 का सरकारी जिला अस्पताल कई वर्षों से बदहाली, दवाई न मिलना,खराब रख-रखाव, टूटी छत, खराब लिफ्ट और स्टाफ की कमी जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। कई बार वहां सुरक्षा से जुड़ी घटनाएँ भी सामने आई हैं। यदि सरकारी अस्पताल ही ठीक से नहीं चल रहे, तो आम नागरिक कहाँ जाए?
नौटियाल ने बताया कि कुछ समय पहले मुझे स्वयं पैनिक अटैक आया था,39 सरकारी अस्पताल में जिसके चलते मुझे दिल्ली के सफदर जंग अस्पताल जाना पड़ा। क्योंकि वहां हार्ट से रिलेटेड कोई डॉक्टर नहीं है और ना कोई मशीन है। हाल ही में मुझे दोबारा पैनिक अटैक आया, लेकिन पुलिस कमिश्नरेट सूरज पुर में न तो फ्रस्ट्रेशन किट उपलब्ध थी और न ही कोई प्राथमिक सुविधा। इसके बाद मुझे कैलाश हॉस्पिटल में उपचार करवाना पड़ा।
यह स्थिति दर्शाती है कि आज गौतम बुद्ध नगर में आम नागरिक के पास विकल्प ही क्या हैं—या तो कैलाश, या मेदांता। यथार्थ और सर्वोदय आदि जैसे अस्पताल क्या सरकारी अस्पताल नहीं बन सकते थे? मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री जी इन निजी अस्पतालों का उद्घाटन तो कर रहे हैं, पर सवाल यह है कि जनता के लिए सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएँ क्यों नहीं खोली जा रहीं।

श्री नौटियाल ने यह भी प्रश्न उठाया—
“क्या मेदांता जैसे निजी अस्पताल गरीबों का ₹1 में इलाज करेंगे? अगर नहीं, तो सरकार किस वर्ग को ‘बड़ी सुविधा’ बता रही है?”
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा सरकार का मूल कर्तव्य है, व्यापार का माध्यम नहीं। निजी अस्पतालों का निर्माण गलत नहीं है, लेकिन सरकारी अस्पतालों की उपेक्षा करना जनता के साथ अन्याय है।
सांसद प्रत्याशी नरेश नौटियाल ने मुख्यमंत्री से सीधे सवाल किया—
“जनता यह जानना चाहती है कि नोएडा में नया सरकारी मेडिकल कॉलेज या नया सरकारी मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल कब बनेगा? क्या मुख्यमंत्री जी इस दिशा में भी उतनी ही तेजी दिखाएँगे, जितनी निजी अस्पतालों के उद्घाटन में दिखाते हैं?”
उन्होंने सरकार से अपील की कि—
- सरकारी अस्पतालों को प्राथमिकता दी जाए,
- उन्हें आधुनिक उपकरण, पर्याप्त स्टाफ, सुरक्षित भवन और 24×7 विश्वसनीय सुविधा दी जाए,
- ताकि सामान्य नागरिक को इलाज के लिए महंगे निजी अस्पतालों के भरोसे न रहना पड़े।
अंत में श्री नौटियाल ने कहा—
“जनता के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी सरकार की है। निजी अस्पताल सुविधा दे सकते हैं, लेकिन सुरक्षा, समानता और सस्ती चिकित्सा केवल सरकारी अस्पताल ही दे सकते हैं—यदि सरकार चाहे तो।”



