आज देश की जनता हवा, पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य और यातायात जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए खुद संघर्ष करने को मजबूर है। स्थिति यह है कि—
- हवा के लिए Purifier
- पानी के लिए Purifier
- बिजली के लिए Inverter/Generator
- शिक्षा के लिए Private School
- स्वास्थ्य के लिए Private Hospital
- सड़कें गड्ढों से भरी हुई हैं, और ऊपर से टोल भी इतना लिया जा रहा है कि जितना पहले हमारे आने–जाने के टिकट पर खर्च होता था।
- यातायात निजी हाथों में
- और ऊपर से 18% टैक्स का बोझ
जनता अपनी मेहनत की कमाई से हर सुविधा खुद खरीद रही है, जबकि सरकार को नियमित रूप से भारी-भरकम टैक्स भी दे रही है। इतना सब होने के बाद भी देश को विश्व बैंक से कर्ज लेना पड़ रहा है—जो कि गहरी चिंता का विषय है।
जब नागरिकों को हवा से लेकर स्वास्थ्य तक और बिजली से लेकर शिक्षा तक सब कुछ खुद ही खरीदना पड़े, तो देश की जनता के मन में एक स्वाभाविक प्रश्न उठना जरूरी है—
जब सब कुछ जनता को ही करना है, तो सरकार आखिर क्या कर रही है?
समाजसेवी व सनातन न्यास संस्था का सरकार से अनुरोध
समाजसेवी, सनातन न्यास संस्था के प्रतिनिधि और पूर्व सांसद प्रत्याशी के रूप में मेरा विनम्र आग्रह है कि सरकार और प्रशासन जनता की इन बुनियादी जरूरतों पर तुरंत संवेदनशीलता दिखाए। टैक्स देने वाली जनता सम्मान और सुविधा दोनों की हकदार है।
सरकार से निवेदन है कि—
- जीने के अधिकार से जुड़ी सभी मूलभूत सुविधाओं को प्राथमिकता देकर मजबूत व्यवस्था तैयार की जाए।
- हवा, पानी, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी आवश्यक सेवाओं को जनता की पहुंच में सुलभ व स्वच्छ रूप में उपलब्ध कराया जाए।
- सड़क, यातायात और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर जनता को राहत प्रदान की जाए।
- प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित की जाए, ताकि जनता का विश्वास कायम रह सके।
आज समय की मांग है कि व्यवस्था जागे और जनता के वास्तविक मुद्दों को गंभीरता से सुना जाए।
जनता टैक्स इसलिए नहीं देती कि वह हर सुविधा बाजार से खरीदे—
जनता टैक्स इसलिए देती है ताकि सरकार उसकी मूलभूत आवश्यकताएं पूरी करे।
जनता_जागो
देशहितमेंजवाब_ज़रूरी
बुनियादीसुविधाएँजनताकाअधिकार
राम_राज्य 🪔 #आपकानरेश




